मोगली की तारों तक की यात्रा | MOWGLI STORY IN HINDI
मोगली हमेशा से एक साहसी लड़का था। जंगल में रहने के दौरान उसने कई रोमांचक यात्राएँ कीं और ढेर सारे दोस्त बनाए। एक दिन, जब मोगली जंगल के गहरे हिस्से में घूम रहा था, उसे एक बूढ़े साधु से मुलाकात हुई। साधु के बाल सफेद थे, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, मानो वह बहुत सी बातें जानता हो।
साधु ने मोगली से कहा, “क्या तुमने कभी सोचा है कि आसमान के तारों में क्या छिपा है?” मोगली ने आश्चर्य से कहा, “तारे? वे तो बस आसमान में चमकते हैं। उनमें ऐसा क्या है?” साधु मुस्कुराते हुए बोला, “तारे सिर्फ रोशनी नहीं हैं। वे एक दूसरी दुनिया से जुड़े हुए हैं। अगर तुम चाहो, तो मैं तुम्हें उस दुनिया तक ले जा सकता हूँ।”
मोगली को साधु की बातों में दिलचस्पी हो गई। उसने पूछा, “क्या सच में ऐसा हो सकता है? क्या मैं तारों की दुनिया देख सकता हूँ?” साधु ने अपना हाथ मोगली की तरफ बढ़ाया और कहा, “अगर तुम तैयार हो, तो मैं तुम्हें तारों की दुनिया दिखा सकता हूँ।”
मोगली ने साधु का हाथ पकड़ा, और अचानक उन्हें एक चमकती हुई रोशनी ने घेर लिया। मोगली ने अपनी आँखें बंद कर लीं, और जब उसने फिर से आँखें खोलीं, तो वह खुद को एक बिल्कुल नए स्थान पर पाया। यह जगह जंगल से बिलकुल अलग थी। चारों ओर तारे चमक रहे थे, और आसमान के रंग अजीब तरह के थे—नीला, बैंगनी और कभी-कभी सुनहरा। मोगली को ऐसा लगा मानो वह उड़ रहा हो, बिना किसी ज़मीन के।
साधु ने कहा, “यह वह जगह है जहाँ धरती और आकाश मिलते हैं। यहाँ समय और जगह का कोई बंधन नहीं है। तुम यहाँ जो देखोगे, वह तुम्हें दुनिया और खुद के बारे में बहुत कुछ सिखाएगा।”
मोगली ने चारों ओर देखा। उसने देखा कि तारे आपस में चमकदार रेखाओं से जुड़े हुए थे, जैसे कि वे कोई रास्ता दिखा रहे हों। “यह रास्ता कहाँ जाता है?” मोगली ने पूछा। साधु ने जवाब दिया, “यह रास्ता तुम्हें उन रहस्यों तक ले जाएगा, जिन्हें जानने के लिए कई सालों की साधना की ज़रूरत होती है। लेकिन तुम बहादुर हो, और तुम्हारे दिल में सच्चाई है, इसलिए यह तुम्हें खुद बताएगा।”
मोगली तारों के रास्ते पर चलने लगा। जैसे-जैसे वह आगे बढ़ता गया, उसे अजीब-अजीब दृश्य दिखने लगे। उसने देखा कि कुछ तारे एक-दूसरे से बातें कर रहे थे। वह उनकी भाषा नहीं समझ पा रहा था, लेकिन उसे महसूस हुआ कि वे उसे कुछ सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। MOWGLI STORY IN HINDI
अचानक, मोगली के सामने एक विशाल पेड़ प्रकट हुआ। यह पेड़ धरती और आकाश दोनों को जोड़ रहा था। उसकी जड़ें धरती में थीं, और उसकी शाखाएँ तारों तक फैली हुई थीं। मोगली ने पेड़ से पूछा, “तुम कौन हो?” पेड़ ने धीरे-धीरे कहा, “मैं वह पेड़ हूँ जो धरती और आकाश को एक साथ जोड़ता है। मेरी शाखाओं में जीवन के सारे रहस्य छिपे हैं।”
मोगली ने पेड़ की एक शाखा को छूआ, और उसे अचानक एहसास हुआ कि वह समझने लगा है कि तारे क्या कह रहे थे। तारे उसे बता रहे थे कि हर चीज़, चाहे वह आकाश में हो या धरती पर, आपस में जुड़ी हुई है। “तुम चाहे जहाँ भी जाओ, मोगली,” पेड़ ने कहा, “तुम इस ब्रह्मांड का हिस्सा हो। तुम्हारा दिल और आत्मा इस धरती और तारों से जुड़े हुए हैं।”
मोगली ने पेड़ की बातों को ध्यान से सुना। उसे समझ में आ गया था कि यह यात्रा सिर्फ तारों की दुनिया को देखने के लिए नहीं थी, बल्कि उसे यह समझाने के लिए थी कि हम सभी एक बड़े ब्रह्मांड का हिस्सा हैं। चाहे वह जंगल हो, गांव हो, या तारे, सब कुछ आपस में जुड़ा हुआ है।
साधु ने मोगली से कहा, “अब तुम्हें वापस जाना होगा। लेकिन इस यात्रा ने तुम्हें जो सिखाया है, उसे कभी मत भूलना।” मोगली ने सिर हिलाते हुए कहा, “मैं कभी नहीं भूलूँगा। अब मुझे पता है कि इस दुनिया में हम सभी जुड़े हुए हैं।” MOWGLI STORY IN HINDI
साधु ने मोगली का हाथ फिर से पकड़ा, और वे वापस जंगल में लौट आए। मोगली ने चारों ओर देखा—जंगल वही था, लेकिन अब उसे हर पेड़, हर जानवर, और हर तारा पहले से ज्यादा खास लग रहा था।
उसने साधु का धन्यवाद किया और कहा, “अब मैं समझ गया हूँ कि यह दुनिया और तारों की दुनिया एक ही हैं। हम सब एक-दूसरे से जुड़े हैं, चाहे हम कहीं भी हों।”
साधु मुस्कुराया और कहा, “तुमने सही सीखा है, मोगली। अब तुम्हारा दिल और भी बड़ा हो गया है।” MOWGLI STORY IN HINDI
इस तरह, मोगली ने तारों की दुनिया की यात्रा की और जीवन का एक बड़ा सच सीखा। अब वह जानता था कि चाहे वह कहीं भी हो, वह हमेशा इस विशाल ब्रह्मांड का हिस्सा रहेगा।
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