मोगली और तेंदुए की दोस्ती | Mowgli Friendship HINDI STORY
जंगल में मोगली का हर दिन नए रोमांच और सीखों से भरा रहता था। वह जानवरों के साथ खेलता, उनसे बातें करता और जंगल की हर बात को दिल से सीखता। लेकिन एक दिन मोगली को कुछ ऐसा अनुभव हुआ जो उसकी जिंदगी में एक खास मोड़ लेकर आया।
यह उस समय की बात है जब मोगली जंगल के गहरे हिस्सों में घूम रहा था। अचानक, उसे पेड़ों के पीछे से हल्की-हल्की आवाज़ें सुनाई दीं। मोगली ने धीरे-धीरे कदम बढ़ाया और देखा कि एक तेंदुआ झाड़ियों के पीछे छिपा हुआ था। तेंदुए की आँखें उदास थीं, मानो वह किसी से मिलना चाहता हो, पर डर रहा हो।
मोगली तेंदुए के पास गया और धीरे से पूछा, “तुम यहाँ अकेले क्यों बैठे हो?” तेंदुआ थोड़ा चौंक गया, लेकिन फिर उसने मोगली की तरफ देखा और धीरे से कहा, “मुझे किसी ने अपने साथ नहीं रखा। जंगल के बाकी जानवर मुझसे दूर रहते हैं।”
मोगली ने हैरानी से पूछा, “क्यों? तुमने क्या किया है?” तेंदुआ उदास स्वर में बोला, “कुछ नहीं। मैं बस अलग हूँ। और इसी वजह से सब मुझे अकेला छोड़ देते हैं।”
मोगली ने तेंदुए की तरफ सहानुभूति से देखा। “अलग होने में क्या बुरा है? मैं भी तो मनुष्यों का हूँ, फिर भी जंगल के जानवर मुझे अपनाते हैं। अगर तुम चाहो, तो हम दोस्त बन सकते हैं,” मोगली ने तेंदुए की ओर मुस्कुराते हुए कहा। Mowgli Friendship HINDI STORY
तेंदुए का नाम था कारु। वह मोगली की बात सुनकर थोड़ा मुस्कुराया, लेकिन उसकी आँखों में अभी भी थोड़ी उदासी थी। “तुम सच में मेरे दोस्त बनोगे?” कारु ने पूछा। “हाँ, क्यों नहीं? हम दोनों साथ रहेंगे और एक-दूसरे की मदद करेंगे,” मोगली ने विश्वास से कहा।
इस तरह मोगली और कारु की दोस्ती की शुरुआत हुई। दोनों साथ में जंगल में घूमते, खेलते, और नए-नए रोमांच का सामना करते। मोगली ने कारु को दिखाया कि दोस्ती में कौन दिखता कैसा है या कौन अलग है, यह मायने नहीं रखता। जो सबसे जरूरी है, वह है सच्चा विश्वास और एक-दूसरे की परवाह।
लेकिन एक दिन जंगल में कुछ अजीब हुआ। अचानक, जंगल में खाने की कमी हो गई। जानवर भूखे रहने लगे, और हर कोई किसी न किसी तरीके से खाने की तलाश में भटक रहा था। मोगली और कारु भी परेशान थे, लेकिन वे एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ रहे थे। Mowgli Friendship HINDI STORY
एक दिन, मोगली और कारु एक पहाड़ी के पास पहुँचे। वहाँ एक बड़ा गड्ढा था, जिसमें कुछ खाने लायक चीजें थीं। मोगली ने कारु से कहा, “हम यहाँ से थोड़ा खाना ले सकते हैं, लेकिन हमें बाकी जानवरों के लिए भी कुछ छोड़ना चाहिए।” कारु ने सिर हिलाया और दोनों ने थोड़ा-थोड़ा खाना इकट्ठा किया।
लेकिन तभी वहाँ कुछ बड़े जानवर आ गए—कुछ बंदर और भेड़िए, जो भूख से परेशान थे। उन्होंने मोगली और कारु को घेर लिया। उनमें से एक भेड़िया गुर्राते हुए बोला, “यह खाना हमारा है। तुम लोग इसे छू भी नहीं सकते!”
मोगली ने शांत रहते हुए कहा, “हम सब भूखे हैं। अगर हम इस खाने को मिल-बांटकर खाएँगे, तो सभी का पेट भर जाएगा।” लेकिन भेड़िया और बंदर मानने को तैयार नहीं थे। तभी कारु ने आगे बढ़कर कहा, “अगर तुम हम पर हमला करोगे, तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे। लेकिन अगर हम साथ काम करें, तो कोई भी भूखा नहीं रहेगा।”
कारु का साहस देखकर सबको चुप हो जाना पड़ा। वह तेंदुआ, जिसे सब अलग समझते थे, अब एक मजबूत और समझदार साथी की तरह खड़ा था। मोगली की बातों और कारु की हिम्मत से बाकी जानवरों ने भी समझ लिया कि साथ मिलकर काम करना सबसे अच्छा है।
आखिरकार, सभी ने मिल-बांटकर खाना खाया। उस दिन से मोगली और कारु की दोस्ती और भी गहरी हो गई। अब जंगल के जानवर भी कारु का सम्मान करने लगे थे, क्योंकि उन्होंने देखा कि वह अलग होते हुए भी दिल से कितना मजबूत और भरोसेमंद था।
मोगली ने कारु से कहा, “देखा, दोस्ती और समझदारी से हर मुश्किल को हल किया जा सकता है। हमें अपनी पहचान के लिए लड़ने की जरूरत नहीं पड़ती, बस हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।” Mowgli Friendship HINDI STORY
कारु ने सिर हिलाते हुए कहा, “तुमने सही कहा, मोगली। मैंने आज समझा कि अलग होना भी एक ताकत हो सकती है, अगर हमारे पास सच्चे दोस्त हों।”
इस तरह मोगली और कारु की दोस्ती जंगल के बाकी जानवरों के लिए भी एक मिसाल बन गई। अब कोई भी कारु को अकेला महसूस नहीं कराता था, और उसने सीखा कि सच्ची दोस्ती और विश्वास ही सबसे बड़ी ताकत होती है।
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