रहस्यमयी पेड़ का घर | HAUNTED TREESHOUSE HINDI STORY
कई साल पहले, एक छोटे से गाँव के पास घने जंगल में एक पेड़ का घर था। उस गाँव में तीन अच्छे दोस्त रहते थे—अनुज, सुमित और राजू। एक दिन, जब तीनों जंगल में खेल रहे थे, उन्हें एक पुराना पेड़ का घर दिखाई दिया। पेड़ का घर ऊँचे-ऊँचे पेड़ों के बीच बना हुआ था, और वहाँ जाने के लिए लकड़ी की एक पुरानी सीढ़ी थी।
अनुज ने उत्सुक होकर कहा, “क्या तुमने कभी इस पेड़ के घर के बारे में सुना है?”
सुमित ने सिर हिलाते हुए कहा, “नहीं, पर ये बहुत दिलचस्प लग रहा है। चलो, अंदर चलते हैं!” HAUNTED TREESHOUSE HINDI STORY
राजू थोड़ा डरा हुआ था, “मुझे नहीं लगता हमें वहाँ जाना चाहिए। मैंने सुना है कि ये पेड़ का घर भूतिया है। लोग कहते हैं कि यहाँ अजीब आवाज़ें आती हैं और कुछ अजीब-सी परछाइयाँ भी दिखती हैं।”
लेकिन अनुज और सुमित दोनों बहुत साहसी थे। उन्होंने राजू को समझाया कि ये सब कहानियाँ हैं और डरने की कोई बात नहीं है। आखिरकार, राजू भी मान गया और वे तीनों सीढ़ी चढ़कर पेड़ के घर में जाने लगे।
जैसे ही वे ऊपर पहुँचे, पेड़ के घर का दरवाजा खुद-ब-खुद खुल गया। वे तीनों एक-दूसरे की ओर हैरानी से देखने लगे। अनुज ने धीरे से कहा, “शायद हवा की वजह से हुआ होगा।”
पेड़ के घर के अंदर अंधेरा था, लेकिन उन्होंने अपनी जेब से टॉर्च निकाली और चारों ओर रोशनी डाली। पेड़ का घर काफी पुराना था। दीवारों पर पुराने पोस्टर लगे थे और फर्श पर धूल की मोटी परत थी। उन्होंने देखा कि एक कोने में पुराने खिलौने बिखरे पड़े थे। तभी अचानक, उन्हें एक हल्की आवाज़ सुनाई दी, जैसे कोई धीमे-धीमे बातें कर रहा हो।
सुमित ने डरते हुए कहा, “क्या तुमने वो आवाज़ सुनी?”
अनुज ने उसकी हिम्मत बढ़ाते हुए कहा, “हो सकता है ये बस पेड़ों की सरसराहट हो।” लेकिन सच कहें तो अनुज भी थोड़ा घबरा गया था।
फिर, अचानक एक अजीब-सी परछाई उन तीनों के सामने से गुज़री। राजू ने डर के मारे जोर से चिल्ला दिया, “वो क्या था?”
अब तीनों दोस्त थोड़े-से डर गए थे, लेकिन उन्होंने वापस जाने का नाम नहीं लिया। अनुज ने कहा, “चलो, इस पेड़ के घर का और पता लगाते हैं।” वे धीरे-धीरे आगे बढ़े और घर के दूसरी तरफ पहुँचे। वहाँ उन्हें एक पुराना झूला मिला, जो खुद-ब-खुद हिल रहा था।
सुमित ने कहा, “यहाँ जरूर कोई रहस्य छुपा है। हमें पता लगाना चाहिए कि यहाँ क्या हो रहा है।” HAUNTED TREESHOUSE HINDI STORY
तभी एक खट-खट की आवाज़ हुई और उन्हें लगा कि कोई दरवाजे के पीछे से आ रहा है। दरवाजे के पीछे उन्हें एक पुरानी किताब मिली। अनुज ने किताब उठाई और उस पर लिखा देखा, “रहस्यमयी पेड़ का घर।”
उन्होंने किताब को खोला और देखा कि उसमें इस पेड़ के घर के बारे में लिखा था। किताब के पन्नों में लिखा था कि इस घर में एक छोटे बच्चे की आत्मा रहती है, जो यहाँ खेलते-खेलते खो गया था। अब उसकी आत्मा इसी पेड़ के घर में रहती है और वो बच्चों से दोस्ती करना चाहती है।
तीनों ने एक-दूसरे की तरफ देखा। अब उन्हें समझ आ गया था कि यह जगह भूतिया तो है, लेकिन डरावनी नहीं। वो बच्चा सिर्फ दोस्त चाहता था। राजू ने हिम्मत करके जोर से कहा, “हम डरते नहीं हैं। अगर तुम दोस्त बनाना चाहते हो, तो हम तुम्हारे दोस्त बनेंगे।” HAUNTED TREESHOUSE HINDI STORY
तभी एक प्यारी-सी हंसी की आवाज़ आई और झूला धीरे-धीरे रुक गया। पेड़ के घर का माहौल अचानक बदल गया। अब वो डरावना नहीं, बल्कि बहुत शांत और सुखद लग रहा था। उन्हें लगा जैसे उस आत्मा को शांति मिल गई हो।
अनुज, सुमित और राजू ने किताब को वापस उसी जगह रख दिया और पेड़ के घर से बाहर आ गए। जाते-जाते उन्होंने उस पेड़ के घर को मुस्कराते हुए अलविदा कहा।
जब वे गाँव लौटे, तो उन्होंने गाँव वालों को पूरी कहानी सुनाई। अब लोग उस पेड़ के घर को भूतिया नहीं समझते थे। वे जानते थे कि वहाँ एक प्यारी आत्मा रहती है, जो केवल दोस्त बनाना चाहती है।
अनुज, सुमित और राजू को उस दिन यह सिखने को मिला कि हर डरावनी चीज़ डराने के लिए नहीं होती। कभी-कभी हमें उन चीज़ों के पीछे का सच जानने की कोशिश करनी चाहिए। तीनों दोस्त अब भी जंगल में खेलते हैं, और वे जानते हैं कि उनका एक दोस्त वहाँ पेड़ के घर में रहता है।
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