पुरानी डायरी का राज | OLD DIARY DESI KAHANI
एक साधारण सा लड़का था, जो अपनी नानी के पुराने घर में कुछ समय बिताने के लिए आया था। यह घर गाँव के एक शांत कोने में स्थित था, जहाँ चारों ओर पेड़-पौधे और हरियाली थी। आरव को किताबें (desikahani) पढ़ने का बहुत शौक था, इसलिए उसने सोचा कि गाँव के इस पुराने घर में उसे बहुत कुछ नया पढ़ने को मिलेगा।
एक दिन, जब वह घर के पुराने सामानों को देख रहा था, तो उसे एक पुराना बक्सा मिला। उस बक्से में बहुत सी पुरानी चीजें थीं—पुराने कपड़े, कुछ तस्वीरें, और सबसे नीचे एक छोटी, धूल से ढकी हुई डायरी। आरव ने वह डायरी उठाई और उसकी धूल साफ की। डायरी के ऊपर कोई नाम नहीं लिखा था, सिर्फ पुराने पन्नों की खुशबू आ रही थी।
OLD DIARY DESI KAHANI : आरव को डायरी देखकर उत्सुकता हुई, और उसने उसे खोलकर पढ़ना शुरू किया। पहले पन्ने पर तारीख लिखी थी, “20 जून, 1965″। वह समझ गया कि यह डायरी बहुत पुरानी है। फिर उसने पढ़ना जारी रखा। डायरी के पन्नों में एक बहुत ही खूबसूरत प्रेम कहानी छिपी थी, जो उसे धीरे-धीरे पता चलने लगी।
डायरी की लेखिका का नाम सविता था। वह एक साधारण गाँव (desikahani) की लड़की थी, लेकिन उसका दिल बहुत बड़ा था। डायरी में सविता ने अपने गाँव के एक लड़के, राजीव, के बारे में लिखा था। राजीव उस समय गाँव का सबसे होनहार लड़का था। वह पढ़ाई में तेज़ और सभी की मदद करने वाला था।
सविता और राजीव की पहली मुलाकात गाँव के तालाब के पास हुई थी। सविता वहाँ पानी भरने आई थी और अचानक उसका घड़ा फिसल गया। राजीव वहीं पास में था, उसने तुरंत आकर उसकी मदद की। वह मुलाकात दोनों के लिए खास बन गई थी, क्योंकि उसी दिन से उनके दिलों में एक दूसरे के लिए कुछ खास जगह बन गई थी।
डायरी के पन्नों में सविता ने लिखा था कि कैसे राजीव और वह धीरे-धीरे एक-दूसरे के करीब आने लगे। दोनों मिलते, बातें करते, और अपने सपनों को एक दूसरे से साझा करते थे। लेकिन गाँव के समाज में ऐसे प्रेम को खुलकर स्वीकार नहीं किया जाता था, इसलिए वे अपने प्यार को छिपाकर रखते थे। OLD DIARY DESI KAHANI
एक दिन, जब दोनों तालाब के पास बैठकर बात कर रहे थे, राजीव ने सविता से कहा, “सविता, मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ। लेकिन हमें अपने प्यार को सबसे छुपाकर रखना होगा।” सविता ने सिर हिलाकर कहा, “हाँ, मैं समझती हूँ। लेकिन क्या हमारा प्यार कभी खुलेआम नहीं हो सकेगा?” राजीव ने धीरे से कहा, “समय बताएगा।”
डायरी में लिखा था कि दोनों ने एक-दूसरे से वादा (desikahani) किया था कि वे हमेशा एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। लेकिन उनके प्यार के रास्ते में कई मुश्किलें थीं। राजीव को आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना पड़ा, और दोनों के बीच दूरी बढ़ गई। सविता ने अपने दिल की सारी बातें डायरी में लिखी थीं—उसकी खुशी, उसकी उदासी, और राजीव की यादें।
आरव यह सब पढ़कर बहुत भावुक हो गया था। उसे लगा जैसे वह खुद उस समय में पहुँच गया हो, जहाँ सविता और राजीव का प्यार खिल रहा था। लेकिन डायरी के आखिरी कुछ पन्ने खाली थे। वहाँ कोई अंत नहीं था। आरव को समझ नहीं आया कि सविता और राजीव की कहानी का अंत क्या हुआ। क्या वे मिल पाए थे? या उनका प्यार अधूरा रह गया?
आरव ने यह सवाल अपनी नानी से पूछा। उसकी नानी ने मुस्कुराते हुए कहा, “बेटा, वह डायरी मेरी ही है।” आरव चौंक गया। उसकी नानी ने फिर से कहा, “सविता मैं ही हूँ, और राजीव तुम्हारे नाना थे। हमारी कहानी कुछ समय के लिए अधूरी रही, लेकिन फिर सब ठीक हो गया। जब राजीव वापस आए, तो हमारे परिवारों ने हमारी शादी करा दी। यह पुरानी डायरी बस उन दिनों की यादें हैं।”
आरव को यह सुनकर बहुत अच्छा लगा। उसकी नानी की पुरानी डायरी में जो प्यार और भावनाएँ थीं, वे अब समझ में आने लगी थीं। वह डायरी सिर्फ कागज़ के पन्ने नहीं थे, बल्कि सच्चे प्रेम की कहानी थी, जिसे उसकी नानी ने अपने दिल में हमेशा सहेज कर रखा था।
इस तरह, आरव ने एक पुरानी डायरी के जरिये अपने नाना-नानी की अनमोल OLD DIARY DESI KAHANI को जाना। यह कहानी उसे यह सिखाती थी कि सच्चा प्यार कभी अधूरा नहीं होता, चाहे रास्ते में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएँ।
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